रोहन ने साझा किए कई किस्से
‘हैक्ड’ में पॉजिटिव-नेगेटिव दोनों करने को मिला
मुझे यह रोल ऑफर हुआ था, तब एक्साइटेड था। क्योंकि इसमें नेगेटिव और पॉजिटिव दोनों करने को मिला। हर एक विलेन खुद की नजर में हीरो ही होता है। उसी तरह यह रोल प्ले करते समय खुद के दिमाग में मैं हीरो था। भले ही वह जो हरकतें कर रहा है, वह नेगेटिव है। पर वह प्ले करते समय नहीं सोच रहा था। बतौर रोहन इसे असल जिंदगी में गलत मानता हूं। लेकिन घृणा, जलन आदि भावनाएं जो मन में दबी होती हैं, इन्हें कैरेक्टर की तरह निभाने लगता हूं, जबकि यह सब बतौर रोहन कभी नहीं कर सकता। आपको एक मौका मिलता है कि आप कैरेक्टर के थ्रू यह सभी फीलिंग्स निकालते हैं। ऐसे किरदार से काफी कुछ सीखने मिलता है।
इसके लिए ऑडिशन नहीं देना पड़ा
विक्रम सर ने मेरा काम देखा होगा, जिसके बाद उनके ऑफिस से मुझे फोन आया कि विक्रम सर मुझसे मिलना चाहते हैं। उस वक्त यूरोप घूमने गया था। विक्रम सर भी लंदन में थे, जब हम दोनों वापस मुंबई आए, तब हमारी मीटिंग फिक्स हुई। उनसे मिलने गया। उन्होंने मुझे कहानी बताई। कहानी पसंद आई और सब लॉक हो गया। खुशी इस बात की है कि जहां पर इतने सारे राउंड में ऑडिशन होते हैं, वहां पर विक्रम सर ने मुझ पर इतना भरोसा जताया, खुद को बहुत ही खुशनसीब मानता हूं।
काम करते वक्त भूल जाता हूं कि सामने कौन है
मेरे अपोजिट हिना खान हैं। उनके साथ काम करना कंफर्टेबल रहा। हम फ्रेंड बन गए। जब हम काम पर फोकस करते हैं, तब ऐसा नहीं लगता कि उन्होंने काफी काम किया है और वे बड़ी स्टार हैं। ऐसा कभी फील भी नहीं कराया। अमिताभ जी के साथ मैंने 4-5 एड फिल्में और फीचर फिल्म 'क्यों! हो गया ना' की है। अभी तो उनके साथ काम किए काफी समय हो गया। 4-5 साल पहले एक एड किया था। हां, उनके साथ जब काम करता था, तब समझ नहीं थी कि कितने बड़े स्टार हैं, क्योंकि तब 8-10 साल का था। उस समय केवल ऐसा लगता था कि अमिताभ अंकल हैं, जिनके साथ आप काम कर रहे हो, बहुत प्यारे हैं। उन्होंने एक बार होली के लिए इनवाइट किया था, तब उनके घर होली के लिए गया था। बड़ा होने पर समझ आया कि किन के घर गया था, किनके साथ इतना काम किया है। आखिरी बार जब मैंने उनके साथ एक एड फिल्म शूट किया था, तब उन्होंने ट्वीट किया कि अरे, टाइम कैसे उड़ता है, जिन चाइल्ड एक्टर्स के साथ में मैं काम करता था, उन्हें देखो अब कितने बड़े हो गए हैं। उन्होंने ऐसा मेरे बारे में ट्वीट किया था।
विक्रम भट्ट अपनी चीजों को लेकर क्लीयर होते हैं
विक्रम भट्ट के साथ काम करने का अनुभव बहुत ही बढ़िया रहा। उनका निर्देशन अनुभव 30 से 40 साल का है। उनसे काफी कुछ सीखने मिलता है। उनकी बातें इतनी क्लियर होती हैं, जिससे एक एक्टर को काफी हेल्प होती है। वे एक्टर को काफी फ्रीडम भी देते हैं, जो एक्टर के लिए हेल्पफुल होती है। एक कोई छोटी-सी बात बताता हूं- किसी कॉस्टयूम को लेकर शूट रुका पड़ा था। सभी परेशान थे, पर विक्रम सर काफी शांति और आराम से बैठकर इंतजार कर रहे थे। एक लेडी ने आकर उनसे पूछा कि आप इतने आराम से कैसे बैठे हैं, तब उन्होंने कहा जिस चीज के लिए मेरा शूट रुका पड़ा है, उसके आने के बाद मेरी पिक्चर बेहतर होगी। फिर क्यों परेशान रहूं। अगर मेरी फिल्म किसी भी चीज से अच्छी बनती है, तब उसका इंतजार करूंगा, न कि छोटी-छोटी बात को लेकर परेशान होता रहूंगा। उस समय मैं वहीं था, इससे हमें भी सीखने मिलता है कि सिर्फ सेट कि नहीं लाइफ में छोटी-छोटी बातों को लेकर परेशान नहीं होना चाहिए।
250 एड करने के बाद काउंट करना छोड़ दिया
मैं 6 साल का था, तब से एक्टिंग कर रहा हूं। पहले विज्ञापन फिल्मों से शुरुआत की। अभी तक तकरीबन 250-300 विज्ञापन कर चुका हूं। लेकिन एक समय के बाद आप गिनना छोड़ देते हैं। मैंने सचिन तेंदुलकर, अमिताभ बच्चन, विराट कोहली, सहवाग, विवेक ओबेरॉय, ऐश्वर्या राय, रितिक रोशन आदि सुपर स्टार्स के साथ एड फिल्मों में काम कर चुका हूं। मैंने 200-250 फिल्में करने के बाद काउंट करना छोड़ दिया।
पहली बार शूटिंग के लिए बुलाया तब मां घबरा गई थीं
बचपन में एक बार मम्मी के साथ कहीं गया था, वहां किसी ने मेरी मम्मी के पास आकर कहा कि आपका बेटा बड़ा क्यूट है। इसे ऑडिशन में लेकर आओ। इसे एड फिल्मों में काम मिलेगा और यह टीवी पर दिखेगा। इस बात को सुनकर मम्मी खुश हो उठीं। एक दिन उन्होंने मम्मी को फोन करके एड फिल्म शूट करने के लिए बुलाया। उन्होंने कहा कि एक टूथपेस्ट का एड है, जिसमें दो घंटे की शूटिंग करनी है और इसके लिए 40,000 रुपए मिलेंगे। यह बात सुनकर मम्मी घबरा गईं, उन्हें लगा कि रोहन को टीवी पर देखने के लिए पैसे देने पड़ेंगे, लेकिन जब कंफ्यूजन दूर हुआ और पता चला कि दो घंटे शूटिंग करने के 40,000 रुपए मिलेंगे, तब वे सरप्राइज हो उठीं।